Stock Market की हालत को लेकर पिछले हफ्ते निवेशकों में नकारात्मक की भावना बनी हुई है। निवेशकों का लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जो बाजार की स्थिति के बारे में गहरी चिंता और असमंजस को दर्शाता है। इस प्रकार की प्रतिक्रिया निवेशकों के आत्मविश्वास को कमजोर कर सकती है, और उनमें बाजार में आगे निवेश करने के प्रति आशंका पैदा कर सकती है। इस तरह की घटनाओं से बाजार में विश्वास की कमी आ सकती है, और निवेशकों की संवेदनशीलता को बड़ा सकती है। जानेगे पूरी डिटेल की ऐसा क्यों हुआ?
Share Market: निवेशकों का कितना हुआ लॉस ?
Stock Market इस समय बाजार में अनियमितता की भारी मात्रा है, और यह छोटे निवेशकों के लिए अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बाजार में स्थिरता लाने के लिए सेबी द्वारा की जा रही पहल को स्वागत किया जाना चाहिए।
बाजार में हुए हाहाकार से ऐसा लग रहा था, कि गिरावट थम गई है, लेकिन फिर एकदम से तेज गिरावट का एक झोंका आया, एक झटका आया, और जब बाजार बंद होने के बाद जब हिसाब लगाया जा रहा है, तो पता क्या चल रहा है कि पिछले हफ्ते में जो हुआ है उसकी आप कल्पना नहीं कर सकते थे, Small और Midcap Share Index में लगभग 47 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। एक हफ्ते के अंदर इस रकम को डॉलर से रुपए में कन्वर्ट करेंगे तो यह लगभग 4 लाख करोड़ के आसपास की रकम आ रही है। 4 लाख करोड़ से थोड़ा नीचे है, लेकिन इतना रुपया स्वाहा हो गया है, और यह क्यों हुआ है? इसके पीछे क्या मुख्य वजह हो सकती हैं? आखिर ऐसा क्यों हुआ तो जानते है इसकी मुख्य वजह।
Index | Price | Change | % Change |
---|---|---|---|
NIFTY 50 | 22023.35 | -123.30 | -0.56% |
SENSEX | 72643.43 | -453.85 | -0.62% |
NIFTY BANK | 46594.10 | -195.85 | -0.42% |
NIFTY IT | 37500.70 | -178.90 | -0.47% |
BSE SMALLCAP | 42012.75 | +105.63 | +0.25% |
Share Market: भारी लॉस की वजह ?
Stock Market जब सेबी ने एमफी से कहा और एमफी ने अपने सदस्यों से कहा स्ट्रेस टेस्ट के बारे में तो और एक स्ट्रेस टेस्ट चल रहा था। उस स्ट्रेस टेस्ट के नतीजे जब पिछले हफ्ते आयें तो बाजार में मनो एक दम से भूकंप सा आ गया।
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बाजार में अलग-अलग तरह के कुछ कुछ फंड है, जिनमे कुछ के तो नतीजे अच्छे दिख रहे हैं, और कुछ फंड है, जहां आप चौक जाएंगे देख के की ऐसे खतरनाक और निवेशकों को चौकाने वाले नतीजे सामने आए हैं, की बड़े फंड्स को 60 दिन लगेंगे अपने पैसो को म्यूच्यूअल फण्ड से बहार निकालने में या कहें पैसो को लिक्विडेट करने करने में, स्ट्रेस टेस्ट में हिसाब लगाया गया कि अगर यह स्कीम के तहत कोई स्मॉल कैप स्कीम या मिड कैप स्कीम में कोई नौबत आ जाए कि,
इसके सारे इन्वेस्टर कहे कि हमें अपना पैसा निकालना है, या आधे इन्वेस्टर कहने अलग जाये की हमे अपना पैसा म्यूच्यूअल फण्ड या इसे जुडी कोई स्कीम को अपने आकार को घटा के आधा करना है या एक चौथाई कम करना है तो जो वक़्त तो इसे करने में कितना वक्त लगेगा तो दो बड़ी स्कीम के अनुसार जो दो बड़े बैंकों के साथ जुड़े हुए फंड हाउसेस की स्कीम है और जो इस वक्त पिछले कुछ सालों में बिल्कुल ब्लू आइट बनी हुई थी। तोह पहेली वाली स्कीम में करीब करीब 60 दिन तक लग रहे हैं और दूसरे स्कीम में 34 दिन।
Share Market: स्ट्रेस टेस्ट ने उत्पन्न की बाजार में उतार-चढ़ाव
अब इसका मतलब समझिए अगर आपको आज म्यूचुअल फंड से अपना पैसा निकालना है, आप एप्लीकेशन लगाते हैं, आपको परसों पैसा मिल जाना चाहिए। अगर स्कीम को साइज आधा करने में 60 दिन लगने वाले हैं, तो वह आपको पैसा आज कहां से देगी। या तो उसके पीछे बैकअप है,
गारंटी है उसकी जो पेरेंट है, वो देगा लेकिन अगर वह देगा और इस बीच बाजार में लगातार यूनिट्स की वैल्यू गिरती रही तो, इसकी कीमत दूसरे यूनिट होल्डर्स को चुकानी पड़ेगी। इसलिए क्योंकि उनका एनएवी गिर चुका होगा। जिस दिन आप अपना एनकैश कराने जाएंगे या रिडीम कराने जाएंगे, उस दिन उनको बहुत कम कीमत मिलेगी। इसी परिस्थिति बचने के लिए सेबी ने यह स्ट्रेस टेस्ट की पेशकश की थी।
जिसके नतीजे लास्ट वीक सामने आ चुके हैं, और इसी स्ट्रेस टेस्ट का दबाव कह सकते हैं। माना ये रहा है बाजार में कि अब यह म्यूचुअल फंड तमाम कमजोर शेरों से छुटकारा पाने की कोशिश में है। उनको बाजार में बेचने में लगे हुए हैं। और यह वजह है कि स्मॉल कैप और मिड कैप इंडेक्स में खतरनाक किस्म की गिरावट आ रही है। अगर आप इंट्राडे लो पर जाकर देखें तब तो यहां 70 अरब डॉलर का का नुकसान हो चुका था।
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लेकिन बाद में उनमें रिकवरी हुई, आखिरी दो घंटे में, जिसकी वजह से वो 70 अरब डॉलर से घट के 47 अरब डॉलर या 50 अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया है, और इस सबके बावजूद पिछले 15 महीनों में सबसे खराब हफ्ता रहा है।
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